Tuesday, July 28, 2015

हरियाणा में दलितों की पोषण पर स्थिति: नैकडोर ने चंडीगढ़ में जारी की दो रिपोर्टें


Ashok Kumar Bharti AshokaFellow
July 28 at 7:02pm
 
हरियाणा में दलितों की पोषण पर स्थिति: नैकडोर ने चंडीगढ़ में जारी की दो रिपोर्टें 

आज दिन मंगलवार दिनांक 28 जुलाई को नेशनल काॅन्फेडेरेशन आॅफ दलित आॅर्गेनाइजेशन्स (नैकडोर) ने चंडीगढ़ स्थित अंम्बेडकर भवन में हरियाणा न्यूट्रिशन स्टेट्स रिपोर्ट और न्यूट्रिशन रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए, देश और प्रदेश के दलितों के न्यूट्रिशन पर ध्यान आकर्षित किया। 
बिहार के बाद हरियाणा दूसरा राज्य है, जिसमें दलितों के न्यूट्रिशन की स्थिति पर नैकडोर ने यह रिपोर्ट जारी की है । नैकडोर ने इस तरह की रिपोर्टें उन्नीस राज्यों के लिये की हैं और अब प्रत्येक संबंधित राज्य में जाकर दलित संगठनों के साथ मिलकर यह रिपोर्टें जारी की जा रही है। 
हरियाणा की कुल आबादी दो करोड़ तरेपन लाख है, जो देश की कुल आबादी का 2.1 फ़ीसद है। हरियाणा में दलितों की आबादी कुल आबादी का 20.17 फ़ीसद यानि पाँचवीं हिस्सा है। हरियाणा में दलितों की कुल आबादी का 2.5 फ़ीसद रहता है। 
हरियाणा में अन्य तबक़ों के मुक़ाबले दलितों में स्टटिंग या ठिगनापन 13 फीसद ज़्यादा है। पिछड़ें वर्गों में अन्य के मुक़ाबले ठिगनापन 11 फ़ीसद ज़्यादा है। 
अन्य वर्गों के बच्चों के मुक़ाबले दलितों और पिछड़े वर्गों में वेस्टिड या लंबाई के अनुसार कम शारीरिक वज़न के बच्चे 7 फ़ीसद ज्यादा हैं। 
वज़न के मामले में अन्य वर्ग के बच्चों के मुक़ाबले दलितों के 17 फ़ीसद और पिछड़े वर्ग के 14 फ़ीसद ज़्यादा बच्चे कम वज़न के हैं। 
अन्य वर्गों के 69 फ़ीसद बच्चों के मुक़ाबले दलितों के 80 और पिछड़े वर्गों के 72 फ़ीसदी ख़ून की कमी का शिकार हैं। 
बाल मृत्युदर के मामले में दलितों में प्रति हज़ार मौतों की संख्या 53 है, जबकि अन्य वर्गों में यह दर केवल 36 है। 

नैकडोर कुपोषण के मसले को क़ौम की क्वालिटी के नज़रिये से देखता है और मानता है कि यदि दलितों ने कुपोषण के मसले को गंम्भीरता से नहीं लिया तो हमारा समाज प्रतियोगिता में नहीं टिक पायेगा। 
चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के कुछ फ़ोटो।
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